
SAHITYA AKADEMI में “खोसे मारती : एक युगपुरुष” का भव्य लोकार्पण
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साहित्य अकादेमी एवं क्यूबा गणराज्य के दूतावास के संयुक्त तत्तवावधान में आयोजित पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में क्यूबा के प्रसिद्ध लेखक, दार्शनिक पर हिंदी में पहली पुस्तक “खोसे मारती : एक युगपुरुष” का लोकार्पण आज साहित्य अकादेमी सभागार में किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भारत में क्यूबा गणराज्य के राजदूत महामहिम जुआन कार्लोस मर्सान अग्यूलेरा थे। इस अवसर पर पुस्तक की संपादिका और अनुवादिका विभा मोर्य भी उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के आरंभ में सभी का स्वागत साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने अंगवस्त्रम् एवं पुस्तकें भेंट करके किया। उन्होंने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि खोसे मारती अपने देश की स्वतंत्रता और समानता के लिए हमेशा याद किए जाएँगे।
उन्होंने अपने बहुत कम समय के जीवन में क्यूबा को स्वतंत्रता दिलाने में महत्त्वूपर्ण भूमिका निभाई। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए भारत में क्यूबा गणराज्य के राजदूत महामहिम जुआन कार्लोस मर्सान अग्यूलेरा ने साहित्य अकादेमी एवं अपने पूर्व राजदूत को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह बड़ा काम इन्हीं के सहयोग से ही संभव हो पाया।
उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि हिंदी में खोसे मारती पर पहली पुस्तक उनके जीवन और कार्यों को सबके सामने लाएगी। खोसे मारती ने हमेशा शिक्षा को महत्त्वपूर्ण माना और युवाओं को उससे जोड़ने के लिए उनके लिए भरपूर मात्रा में लिखा। प्रख्यात स्पेनिश विशेषज्ञ प्रो. श्यामा प्रसाद गांगुली ने पुस्तक के बारे में और खोसे मारती के बारे में विशेष जानकारी देते हुए कहा कि यह जरूरी है कि हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में उनका महत्त्वपूर्ण लेखन निरंतर सामने आता रहे। पुस्तक की संपादक एवं अनुवादिका विभा मोर्य ने इस पुस्तक के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि 27 खंडों में प्रकाशित खोसे मारती के लेखन के प्रतिनिधि स्वरूप को एक छोटी पुस्तक में समेटना बहुत मुश्किल था।
इसमें हमने उनके कुछ लेख 50 कविताएँ तथा बच्चों और युवाओं के लिए लिखी कुछ कहानियाँ शामिल की हैं। उन्होंने यह भी बताया कि खोसे मारती ने भारत के बारे में भी अपने लेखन में लिखा है और भारत को गीता और बुद्ध के देश के रूप में याद करते हैं। कार्यक्रम के आरंभ में खोसे मारती पब्लिक स्कूल के छात्रों ने खोसे मारती के लिखे गीत को प्रस्तुत किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न देशों के राजदूत विश्वविद्यालय के छात्र लेखक एवं पत्रकार मौजूद थे।